गुजे कही पर शंख , कही पे अजान है
बाइबल है,ग्रंथ शाहब है, गीता का ज्ञान है.
दुनिया मे कही और ये मंजर नही नशीब,
दिखाओ जमाने को ये हिंदुस्तान है|
वक्त आ गया है अब दुनिया को,साफ़ साफ़ कहना होगा.
देश प्रेम की धबल धार मैं,हर मन को वहना होगा.
जिसे तिरंगा लगे पराया, मेरा देश छोड जाये.
हिन्दुस्तान में हिन्दुस्तानी बनकर ही रहना होगा|
0 comments:
Post a Comment